देश में फार्मेसी की गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने नए प्रविधान कर दिए हैं। इसके तहत अब सभी सरकारी निजी कालेजों या विश्वविद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों और पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को आधार नंबर से हर सत्र में आनलाइन सत्यापन करना अनिवार्य होगा।
इसका उद्देश्य फार्मेसी शिक्षा में फर्जी छात्रों और फर्जी प्रोफेसरों को बाहर कर योग्य फार्मासिस्ट तैयार करना है। नई व्यवस्था के तहत अब एक शिक्षक एक संस्थान में पढ़ा पाएंगे। ऐसे में फार्मेसी संस्थानों फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया के पोर्टल पर आधार व डिग्री से होगा आनलाइन सत्यापन, डिप्लोमा फार्मासिस्ट ने किया स्वागत.
फार्मासिस्ट आर्गेनाइजेशन के महासचिव शिवेंद्र प्रसाद ने कहा कि फार्मासिस्ट का कार्य सिर्फ अस्पतालों में दवा वितरण नहीं है। कोरोना समेत तमाम रोगों की वैक्सीन निर्माण व नई दवाओं के निर्माण में इनका विशिष्ट योगदान होता है। इसके अलावा अब एम्स नई दिल्ली व देश के बड़े कारपोरेट अस्पतालों में क्लीनिक फार्मासिस्ट पद पर नियुक्ति की जा रही है। जो मरीजों के अनुसार दवाओं का निर्धारण करते हैं। वहीं, अरविंद कुमार चौधरी ने कहा कि इस गजट के लागू होने के बाद फार्मेसी शिक्षा से फर्जीवाड़ा जड़ से समाप्त हो जाएगा। फार्मेसी शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी और व्यवस्था सुदृढ़ होगी ।
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